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यह सम, स्त्रिया एवं द्वीस्वभाव राशि है। जल तत्व तथा स्वभाव सौम्य है। कफ प्रधान व् उतर दिशा को सूचित करती है। जाती ब्राह्मण तथा रंग पिंगल भूरा, पीला है।यह रात बली और इसका विचरण स्थान जल है। इसका सांकेतिक चिन्ह मछली है एवं प्रभाव सर्द तर इस राशि के स्वामी ग्रह गुरु तथा इसमें शुक्र उच्च फल का एवं बुध, नीच फलदायक है।

मीन राशि के जातकों का कद मझला, कई दफा छोटा होता है रंग साफ़ एवं मस्तक चौड़ा होता है। आँखे बड़ी तथा कुछ बाहर की ओर होती है। हल्के व् मुलायम काले बाल एवं पट्टे मजबूत होते है। ये तगड़े मजबूत होते है, परन्तु देखा गया है कि जातक कई बार ढीले, कुछ मोठे होते है। ऊपरी अर्द्ध भाग मोटा एवं निचला भाग कुछ पतला होता है और ये मधुर वाणी बोलते है।

यह द्वीस्वभाव राशि है, इस प्रकार इनके मन में बेचैनी रहती है विचोरो में परिवर्तन होता रहता है। ये ईमानदार होते है। कल्पनाशील एवं विलासी भी होते है।ये अपने सम्मान का बहुत ध्यान रखते है। इनमे हुकूमत करने की भावना होती है। मिलनसार, मित्रता की चाह एवं बातचीत करने में निपुर्ण होते है। किसी से बदला लेने का स्वभाव नहीं होता है। इस प्रकार इन में प्रतिशोध की भावना बहुत कम होती है। ये बड़े उदार होते है। और दिल खोल कर दान देते है एवं धन द्वारा सहायता करते है। इस तरह इनका कई बार नुकसान भी होता है दान अथवा धन देकर ये बड़े प्रसन्न होते है।

भाई बहन इनके काफी होते है। साधारण इनसे बड़ी बहन होती है। पारिवारिक जीवन में ये बड़ी सहायता करते है। अपने भाई बहनों, परिजनों से अलग होकर ये भटकाव में पड़ जाते है तथा सदैव इनके लिए तड़फते रहते है। मित्र इनके बहुत होते है। परंतु एक कुछ सांवले रंग का मित्र इनका नुकसान करता है।

पढाई के क्षेत्र में बड़ी डिग्रिया प्राप्त करते है। कला, विज्ञानं में विशेष रूचि रखते है। साहित्य में भी इनका पूरा लगाव होता है। गुप्त विद्या ज्ञान प्राप्त करने की इनकी अथाह लालसा होती है। इनका फिलॉसफी की और भी झुकाव होता है।

मीन राशि के जातक सुन्दर पत्नी / पति पसन्द करते है। इनके मन में ये बड़ी लालसा होती है । ये सूझवान एवं साहित्य कला में निपुर्ण पत्नी को ही पसन्द करते है। इनका स्वभाव शक्की भी होता है। दो विवाह योग् होते है।क्योंकि इनका स्वभाव बदलता रहता है अतः इनकी पत्नी को इनके अनुसार ढलना पड़ता है। ग्रहस्थ जीवन सुखी होता है।

कई बार विचारो के परिवर्तन एवं शककी स्वभाव के कारण घरेलू जीवन के शांत सागर में कुछ बवण्डर भी उठते है इनका प्रभाव बच्चो पर भी पड़ता है। इनके बच्चे अधिक होते एक लड़का व् एक लड़की तो अवश्य होती है।

चूंकि ये एकाधिक कामो में समान रूप से होते है अतः ये काफी धन अर्जित करते है। इस प्रकार ये खुले दिल से दान देते है तथा धन द्वारा सहायता भी करते है अस्थिर प्रवर्ति के कारण अपने काम को भी आसानी से बदल लेते है। ये अच्छे अभिनेता, संगीतकार, ऐक्टर, डॉक्टर, मंत्री, राजनीति में, बैंको के मैनेजर, बड़ी बड़ी दानी संस्थाओं के इंचार्ज अथवा प्रधान, आयत निर्यात के कार्यो में सफल होते है। ये खर्च भी कम करते है परंतु धन को सँभालने का ढंग कोई इनसे सीखे। साधारण प्राकृतिक क्रमानुसार इसका घर बारहवा है यदि बारहवे घर राहु जैसे ग्रह बैठ जाए या गुरु भी साथ बैठ जाए तो जातक को ग्रहस्थ कार्यो में बहुत धन व्यय करना पड़ता है। यात्राएं लंबी एवं आम होती है। जीवन के 1,3,5,9, 10,12,15,16, 19,21,22, 24,25, 27,29,30,33,35,36,37,39,42,45,51,52,54,55,57,59,60,63, वे वर्ष में पढाई, शादी , विवाह, संतान, कारोबार, उन्नति, नोकरी, सम्बंधित घटनाएं घटित है।आयु का बहरवा वर्ष विशेष महत्व का होता है।
इनका स्वास्थ्य ठीक एवं ओसत होता है परंतु ये प्रसन्न रहते है।

ह्रदय रोग, नेत्र रोग, पैरो व् टांगो के विकार, सूजन, नसों की सख्ती, अंतड़ियों की खराबी, पैरो के पसीना रोग, आवधिक बुखार,, आवश्यक तत्वों की कमी अधिक प्यास आदि विकार होते है। इन्हें पीने की भी आदत पड़ जाती है । रात को क्लबो आदि में बैठकर ये पीने का नजारा लेते है।

दिन व्रहस्पति तथा तीन संख्या शुभ होती है। 9 एवं 6 की संख्या भी समान रूप से शुभ है इनका शुभ रत्न पीला पुखराज है। यह धारण करना शुभ फलदायक होता है।

उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बला-बल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए