नक्षत्र 28 होते है एवं फल कथन मे 27 नक्षत्र ही गिने जाते हे | अभिजीत नक्षत्र को नही लिया जाता | राशि 30 अंश की होती हे एवं राशि 2¼ नक्षत्र होते हे | इस प्रकार नक्षत्र का विस्तार 13 अंश 20 क्ला तक होता हे | इससे स्पष्ट है कि फल कथन में नक्षत्र का बड़ा महत्व हे | जीवन की घटनाओ तथा समूचे जीवन को और निकट से देखा जा सकता हे | नक्षत्र के क्रमानुसार फल दिया जा रहा हे | राशि के साथ साथ नक्षत्र को विचारने से फल कथन और अधिक स्पष्ट हो जाता है|
* {नक्षत्र–ज्ञानी} *
हस्त:- ये जातक शारीरिक पक्ष मे तगड़े एवं लम्बे होते है|रंग साफ तथा शरीर की अपेक्षाकृत हाथ कुछ छोटे होते है |
ये बड़े बहादुर,दानी और इनमे ढेरो खूबिया होती है | पर स्त्रीरत,चोर,भाई–बहन विहीन तथा जालिम भी होती है | ये बड़े ठीक होते है | बेअदब एवं बेशर्म भी|ये शान्त स्वभाव तथा हसी से दूसरों को आकर्षित करने वाले ,किसी के साथ धोखा कम ही करते है | एसा होने पर भी कठिनाइयो एवं आलोचना का ही सम्मान करना पड़ता है | इनके जीवन मे उतार–चढ़ाव आते है |एक समय के लिए तो वो शिखर पे पहुच जाते है तथा कई वार कही के भी नही रहते है | स्त्री जातक बड़ी ही शर्मीली होती है |वे किसी का दास बन कर रहना पसंन्द नही करती है|विद्या अच्छी प्राप्त करते है | मन के पीछे लग कर कई बार ये बीच मे ही छोड़ के चले जाते है | यघ्पि इनकी कल्पना शक्ति बहुत होती है | फिर भी ये मानसिक अवस्था के कारण ये भवर मे फस जाते है |
कारोबार तथा काम मे ये पूरे अनुशासन मे रहते है | किसी के अधीनस्थ इन्हे काम करना पसंद नही होता |इस तरह ये बड़े उच्च पदो पर काम करना ही इन्हे करते हे|व्यापार मे ये बड़े चतुर एवं कुशल होते है | इन्हे हर प्रकार का ज्ञान होते है | ये अच्छे सलाहकर भी होते है | सलेसमेन,विदेश यात्रा ,डाक–तार विभाग,कपड़ा व्यापारी,जमीन–जायदाद व्यापारी ,सेनीटरी,इंजीनियर,आयात–निर्यात,पेंटर,नेता,राजदूत आदि स्फ्ल्ल होते है|
पेट–अतड़िया,ग्लेड्ज आदि विकारो की संभावना होती है |बी काम्प्लेक्स विटामिन की कमी,पेट–गैस,दस्त,पेट,दर्द बाहो की कमजोरी ,कीड़े,हेजा,आवधिक ज्वर,डाइसेट्रि,चित भ्रम,हीनभावना,शवास विकारो की सम्भावना होती है |
मोती 4 रति चाँदी की अंगूठी मे चोटी उंगली मे धारण करना शुभ है | पन्ना 7 रति सोने की अंगूठी मे दूसरी उंगली बुधवार धारण करना भी शुभ फलदायक होता है |
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए |
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