महा-शिवरात्

महा-शिवरात्रि ======== शिवरात्रि व्रतं नाम सर्वपापं प्रणाशनम्। आचाण्डाल मनुष्याणं भुक्ति मुक्ति प्रदायकं॥ अर्थार्त महा-शिवरात्रि का परम पर्व की व्याख्या उक्त श्लोक में कुछ इस प्रकार की गयी है कि यह सभी पापो का शमन करने वाला तथा चंडाल मनुष्य को भी भुक्ति और मुक्ति दोनों प्रदान करता है | चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं।…