1 सर्वबाधा मुक्ति यंत्र एवं नवग्रह यंत्र का दर्शन पूजन करे।
2 सर्व बाधा विनिमृक्तो, धन धान्य सुतान्वित: मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः मंत्र का 108 बार जाप करे
3 नवग्रह रत्न अंगूठी धारण करे, अथवा बाधामुक्ति त्रिशक्ति लॉकेट धारण करे।
4 बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करे।
5 विजयदशमी व्रत एवं गणेश चतुर्थी व्रत का पालन करे।
6 काले उड़द , काले तिल , तेल , लोहे के बर्तन आदि, काली गाय , काले कपडे का दान किसी जरूरतमंद को करे।
7 माता दर्गा के दर्शन करें।
8 शनिवार के दिन काले धागे में पीपल के 8 पतों को एक गांठ में एक साथ बांधे, अगले शनिवार को जब नई गांठ बांधे तो पहली वाली गांठ को उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दे।
9 स्वास्तिवाचनम, नवग्रहस्तोत्रम का पाठ करे।
10 मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में गुड़ व् चने का प्रसाद चढ़ाये और प्रसाद को वही मंदिर में बांट दे।
11 अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व निर्त्यकर्म से निव्रत होकर स्नान आदि करने के बाद 11 लोंग , 11 काली मिर्च , 1 नींबू अपने सिर से सात बार उल्टा उतार कर नींबू के दो टुकड़े कर ले, इसके बाद दक्षिण दिशा में गोधूलि समय में फेंक दे।
विशेष : हवन, यज्ञ, दुर्गा सप्तशती मंत्र हवन अथवा दुर्गा सप्तशती पाठ कराये।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बला-बल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए