1 बालगोपाल यंत्र बृहस्पति यंत्र का नित्य पूजन करे।
2 कमलगट्टे या मूंगा माला से ॐ श्री ऐ संतानलक्ष्मी पूर्ण सिद्धि ऐ श्री नमः की 21 माला जाप करे।
3 मोती – चाँद लॉकेट अथवा स्वास्थ्यवर्धक त्रिशक्ति लॉकेट संतान को धारण कराये।
4 गौरी गणेश रुद्राक्ष धारण करे।
5 अहोई अष्टमी व्रत , शुक्रवार का व्रत , जीवित्पुत्रिका व्रत का पालन करे।
6 गरीब बालक बालिकाओं को पढ़ाए एवं वस्त्र , कॉपी तथा पुस्तको का दान करे।
7 पारद शिव परिवार एवं पारद शिवलिंग के नित्य दर्शन करे।
8 संतान कुंडली के षष्ठेश की वस्तुएं बहते जल में प्रवाहित करें।
9 शनि मंदिर ने 10 बादाम चढ़ाकर उसमे से 5 बादाम घर में लाकर रखे।
एक या दो साल बाद उन्हें बहते जल में प्रवाहित करें।
10 अथ ब्रह्स्पतिकवचम का पाठ संतान के स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
12 गाय की सेवा करे।
एक काला रेशमी डोर लेकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करते हूए उस ड़ोर में थोड़ी थोड़ी दूरी पर सात गाँठे लगाये।उस डोर को बच्चे के गले या कमर में बाँध दे।
प्रत्येक मंगलवार को बच्चे के सिर पर से कच्चा दूध 11 बार वार कर किसी जंगली कुते को शाम के समय पिला दे बच्चा दीर्घायु होगा।
विशेष :- हवन,यज्ञ, संतानलक्ष्मी की साधना कराये।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए |