नो मुखी रुद्राक्
रुद्राक्ष पेड़ के फल की गुठली होती है इस गुठली पर प्राकतिक रूप से कुछ सीधी धारिया होती है। ये धारिया स्पष्ट रूप से दिखायी देती है। इन धारियों की गिनती के आधार पर ही रुद्राक्ष के मुख की गणना होती है।
रुद्राक्ष से होने वाले लाभ
– रुद्राक्ष भगवान शंकर का प्रिय आभूषण है।
– जिस घर में रुद्राक्ष की पूजा की जाती है वहाँ सदा लक्ष्मी का वास रहता है।
– रुद्राक्ष दीर्घायु प्रदान करता है।
– रुद्राक्ष गृहस्थियों के लिये अर्थ और काम का दाता है
– रुद्राक्ष मन को शांति प्रदान करता है।
– रुद्राक्ष की पूजा से सभी दुःखो से छुटकारा होता है
– रुद्राक्ष सभी वणो के पाप का नाश करता है।
– रुद्राक्ष पहनने से ह्रदय रोग बहुत जल्दी सही होते है।
– रुद्राक्ष पहनने से मानसिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है।
— रुद्राक्ष धारण करने से दुष्ट ग्रहो की अशुभता शरीर मे होने वाला विषेला संक्रामण ओर कुद्रष्टि दोष, राक्षसी वृति दोष शांत रहते है
– रुद्राक्ष तेज तथा ओज मे अपूर्व वृद्धि करता है
नो मुखी रुद्राक्ष
नो मुखी रुद्राक्ष में नो धारिया होती है। नो मुखी रुद्राक्ष को नव शक्ति सम्पन्न माना जाता है। दुर्गा जी के सभी नव अवतारों की पूर्ण शक्तिया इसमें समायी होती हैं इसलिए यह धारक को अलौकिक दिव्य शक्तिया प्रदान करता है। नो मुखी रुद्राक्ष में नो तीर्थो पशुपतिनाथ, केदारनाथ, सोमनाथ, मुक्तिनाथ, बद्रीनाथ, विश्वनाथ, जगन्नाथ, पारसनाथ व् वैद्यनाथ के दर्शन पूण्य होते हैं। वैसे तो सभी रुद्राक्ष शिव शक्ति के रूप है, परन्तु नो मुखी रुद्राक्ष देवी माता के उपासको के लिए विशेष हितकर होता है, इसको धारण करने से वीरता, धीरता, साहस, कर्मठता, पराक्रम, सहनशीलता, तथा यश की वृद्धि की होती है, यह रुद्राक्ष धारको को नवरात्रो के व्रत के समान पूण्य देता है तथा पति पत्नी, पिता पुत्र, के मतभेदों को दूर कर तन मन से सदा पवित्र रखता है। नो मुखी रुद्राक्ष के देवता भैरव व् यमराज है इसको धारण करने से यमराज का भय नहीं रहता है, तथा इसको धारण करने वाला सदा सबका हित चिंतक होता है।यह धारको की नो ग्रहो से रक्षा करता है, तथा उन ग्रहो के परिणाम, धारण के पक्ष में करवाता है।
रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व शिवजी के विग्रह से बहते जल से या पंचामृत से या गंगाजल से धोकर त्र्यंम्बकमंत्र या शिवपंचाक्षर मंत्र ओ` नमः शिवाय से प्राणप्रतिष्ठा करनी चाहिए
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा हम से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए |