बारह मुखी रुद्राक्ष
रुद्राक्ष पेड़ के फल की गुठली होती है इस गुठली पर प्राकतिक रूप से कुछ सीधी धारिया होती है। ये धारिया स्पष्ट रूप से दिखायी देती है। इन धारियों की गिनती के आधार पर ही रुद्राक्ष के मुख की गणना होती है।
रुद्राक्ष से होने वाले लाभ
– रुद्राक्ष भगवान शंकर का प्रिय आभूषण है।
-जिस घर में रुद्राक्ष की पूजा की जाती है वहाँ सदा लक्ष्मी का वास रहता है।
– रुद्राक्ष दीर्घायु प्रदान करता है।
– रुद्राक्ष गृहस्थियों के लिये अर्थ और काम का दाता है
– रुद्राक्ष मन को शांति प्रदान करता है।
– रुद्राक्ष की पूजा से सभी दुःखो से छुटकारा होता है
– रुद्राक्ष सभी वणो के पाप का नाश करता है।
– रुद्राक्ष पहनने से ह्रदय रोग बहुत जल्दी सही होते है।
– रुद्राक्ष पहनने से मानसिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है।
— रुद्राक्ष धारण करने से दुष्ट ग्रहो की अशुभता शरीर मे होने वाला विषेला संक्रामण ओर कुद्रष्टि दोष, राक्षसी वृति दोष शांत रहते है
– रुद्राक्ष तेज तथा ओज मे अपूर्व वृद्धि करता है
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बारह मुखी रुद्राक्ष में बारह धारिया होती है। बारह मुखी रुद्राक्ष भगवान सूर्य के बारह रूपो के ओज, तेज और शक्ति सामर्थ्य का केन्द्र बिन्दु है। भगवान सूर्य संसार को चलाने वाले देवता हैं।सम्पूर्ण पृथ्वी सूर्य भगवान की कृपा पर निर्भर है। पृथ्वी के सभी प्राणियों के प्राण रक्षक सूर्य भगवान है। जिस प्रकार सूर्य पूरी दुनिया को रौशनी प्रदान करता है उसी प्रकार बारह मुखी रुद्राक्ष धारक मनुष्य की ख्याति सूर्य की किरणों की तरह सभी दिशाओ में प्रकाशित करता है। बारह मुखी रुद्राक्ष ज्योतिर्लिंगों , महाकाल, रामेश्वर, सोमनाथ, मल्लिकार्जुन,मोंकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, नागेश्वर, विश्वेश्वर, ,त्र्यम्बकेश्वर, केदारेश्वर, धुरुमेश्वर, का प्रतीक माना जाता है। इसको धारण करने वाला व्यक्ति कभी रोग,चिन्ता,भय,भ्रम में परेशान नहीं होता है। धन, वैभव, ज्ञान और अन्य भौतिक सुखों का प्रदाता यह रुद्राक्ष अदभुत रूप से प्रभावशाली होता है इसको धारण करने से बारह आदित्य प्रसन्न होते हैं महामंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय के जप करने से जो फल मिलता है, वह बारह मुखी रुद्राक्ष के धारक को स्वतः ही प्राप्त होता है इसको धारण करने से हमेशा चेहरे पर खुशी समाज में सम्मान तथा वाणी में चातुर्यता उत्पन होती है बारह मुखी रुद्राक्ष बहुत शक्तिशाली और तेजस्वी रुद्राक्ष होता है, इसे धारण करने से हिंसक जानवरो का खतरा नहीं होता है।तथा यह जानवर हत्या के पाप से मुक्ति दिलाता है। बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य को शासक का पद प्राप्त होता है यह शादी विवाह सम्बन्धो की विवशताओं को दूर करता है इसको धारण करने से शारिरिक व् मानसिक पीड़ा मिट जाती है तथा जीवन निरोगी तथा सुखी व्यतीत होता है। यह सूर्य के समान कर्मशील तथा प्रखर तेजस्वी है। इसे धारण करने वाला राजा बनने योग्य होता है।
रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व शिवजी के विग्रह से बहते जल से या पंचामृत से या गंगाजल से धोकर त्र्यंम्बकमंत्र या शिवपंचाक्षर मंत्र ओ` नमः शिवाय से प्राणप्रतिष्ठा करनी चाहिए
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा हम से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए