उंगलियों से भी व्यक्ति के स्वभाव के बारे में बताया जा सकता है जैसे-:
लम्बी हो तो बारीकी, छोटी छोटी तफसील की तरफ ज्यादा ध्यान देना छोटी छोटी बातों का ज्यादा चिन्ता करना बताती है।
छोटी उंगलियों वाले ज्यादा चिन्ता नहीं करते मस्त मोला होते है और जैसा है ठीक है ज्यादा सोच विचार नहीं करते।
मोटी व् छोटी उंगलिया स्वार्थी व् निर्दयी मजदूरों की होती है, मोटी व् नीचे के हिस्से में फूली हुई छोटी उंगलियां स्वार्थी पुरुषों की होती है। जो जीवन के मजे लेने में विश्वास करते है खाना पीना और मौज करना बस।
इस प्रकार की उंगलियां नीचे के भाग में यदि पतली ततैया की सी शक्ल की हो तो निस्वार्थी तथा सफाई पसन्द होते है ततैया बीच से पतला और दोनों और मोटा होता है।
अन्दर की तरफ मुड़ी हुई उंगलियां वह होती है जो हाथ को पूरा खोलने पर अन्दर को झुकी प्रतीत हो तो ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान हठी तथा लालची होते है।
पीछे की और मुड़ी उंगलियों वाला व्यक्ति प्रसन्नचित, सज्जन, गप्पी और हर बात में खर्चीला, टांग अड़ाने वाला, हर प्रकार की जानकरी लेने वाला, जिज्ञासु प्रवृति का व् खर्चीला होता है। हाथ को सीधा खोलने पर उंगलियां पीछे की और झुकी हो या है तब यह फल होता है।
टेडी मेढ़ी उंगलियों वाला व्यक्ति निर्दयी अपराधी प्रवृत्ति का होता है।
चिकनी पारदर्शी उंगलियों वाला व्यक्ति बहुत बातूनी, अनिश्चित स्वभाव का होता है। उंगलियों के बीच में ज्यादा छेद या खाली जगह हो तो अत्यधिक जिज्ञासा और बिल्कुल जगह न हो तो बहुत लालची स्वभाव प्रदशित करती है। भारतीयमत से उंगलियों का भरा होना और खाली स्थान न होना, धन सम्पन्नता आर्थिक रूप से ठीक स्थिति बताती है।
सबसे छोटी उंगली से आयु भी सामुंद्रिक शास्त्र में बता दिया गया है कनिष्ठिका अगर अनामिका के दूसरे पोरवे के अंत तक पहुचती है। और जीवन रेखा ठीक है तो आयु 70 वर्ष के लगभग मानी जाती है।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा हम से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए