भास्कर योगः

भास्कर योगः यदि सूर्य से दूसरे भाव में बुध हो बुध से ग्याहरवें भाव में चन्द्रमा हो तथा चन्द्रमा से 5 वे या 9 वे भाव में बृहस्पति हो, तो भास्कर योग बनता है। फल:- भास्कर योग में जन्म लेने वाला जातक अत्यन्त धनी होता है तथा निरन्तर अर्थ संचय में प्रवृत्त रहता है। अनेक…

इन्द्र योगः-

इन्द्र योगः- यदि चन्द्रमा से तीसरे स्थान पर मंगल हो, मंगल से सप्तम भाव में शनि हो, शनि से सातवें भाव में शुक्र हो और शुक्र से सातवें भाव में गुरु हो तो इन्द्र योग होता है फल:- इन्द्र योग रखने वाला व्यक्ति प्रसिद्ध वीर और रणनीतिज्ञ होता है तथा युद्ध में प्रसिद्धि प्राप्त कर…

लग्नाधि योगः

– लग्न से छठे,सातवें और आठवे भाव में शुभग्रह हो तथा उन पर पापग्रहों की दृष्टि न हो और न उसके साथ पापग्रह हो तथा चतुर्थ भाव में शुभग्रह हो, तो लग्नाधि योग बनता है। फल:- लग्नाधि योग में जन्म लेने वाला जातक विद्वान होता है तथा उसकी विद्वत्ता का लोहा दूसरे भी मानते हैं।…

सूर्य का सिंह राशि मे आगमन :

—— ===================== 17 अगस्त 2018 को सूर्य अपनी स्वराशि सिह राशि में प्रवेश कर चुके है , जो की आइए देखते है की ये आपकी राशि के लिए क्या शुभ और अशुभ फल लेकर आये है। मेष राशि :- सूर्य के प्रभाव से आप अत्यंत विद्वान, बुद्धिमान, प्रभावशाली तथा वाणी के धनी होगे एवं अपने…

केमद्रुम योगः

– यदि कुण्डली में चन्द्रमा के दोनों ओर कोई भी ग्रह न हो, तो केमद्रुम योग बनता है। फल:- केमद्रुम योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति गन्दा तथा दुखी रहता है। वह अपने गलत कार्यो के कारण ही जीवन भर परेशान रहता है। आर्थिक दृष्टि से वह गरीब होता है तथा आजीविका के लिए दर-दर…

दुरधरा योगः-

चन्द्रमा से दूसरे और बाहरवें, दोनों स्थानों पर ग्रह हो, तो दूरधरा योग बनता है। फल:- दूरधरा योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति योग्य, दृढ़निश्चयी, धनवान एवं अपने कार्यो से प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला होता है। नोटः- दुरधरा योग एक महत्वपूर्ण योग है, जिसमे जातक धन, प्रसिद्धि पराक्रम एवं आदर प्राप्त करता है , परन्तु…

अनफा योग:

– यदि चंद्रमा में बाहरवें भाव में (सूर्य को छोड़कर) कोई ग्रह हो तो अनफा योग होता है। फल:- जिसकी कुण्डली में यह योग होता है, उसका व्यक्तित्व चुम्बकीय होता है। तथा उसके शरीर का अंग प्रत्यंग सुन्दर होता है समाज में उसका सम्मान होता है। वह नम्र, सुशील, सद्गुणी तथा विचारवान होता है। वह…

अशुभ योग

:- यदि जन्म लग्न पापग्रह या अशुभ ग्रह से युक्त हो तो, अशुभ योग बनता है। फल:- इस योग को रखने वाला जातक कामी होता है। तथा दुसरो का पैसा हड़प जाता है वह जीवन में असफल रहता है तथा दुर्भाग्य पग पग पर उसे बाधा पहुचता रहता है। उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी…

शुक्र का कन्या राशि मे आगमन

शुक्र का कन्या राशि मे आगमन 01 अगस्त 2018 को शुक्र कन्या राशि में प्रवेश कर चुके है जो 1 सितम्बर तक रहेंगे जो कई राशियो के लिए लाभ कारी होंगे आइये देखते हे की वो आपकी राशि में क्या शुभ अशुभ फल लेकर आता हे | मेष :- शत्रु स्थान में बुध की कन्या…

शुभकर्तरी:

शुभकर्तरी:- यदि लग्न से दूसरे तथा बाहरवें भाव में शुभग्रह हो, तो शुभकतरी योग बनता है। फल:- शुभकर्तरी योग में जन्म लेने वाला जातक तेजस्वी होता है उसके जीवन में आय के अनेक स्त्रोत होते है। तथा वह अर्थ संचय में भी प्रवीण होता है। शारीरिक दृष्टि से भी ऐसा जातक स्वस्थ्य, सबल और पुष्ट…