लग्नाधि योगः

– लग्न से छठे,सातवें और आठवे भाव में शुभग्रह हो तथा उन पर पापग्रहों की दृष्टि न हो और न उसके साथ पापग्रह हो तथा चतुर्थ भाव में शुभग्रह हो, तो लग्नाधि योग बनता है। फल:- लग्नाधि योग में जन्म लेने वाला जातक विद्वान होता है तथा उसकी विद्वत्ता का लोहा दूसरे भी मानते हैं।…