राज्य लक्षण योगः-
गुरु, शुक्र, बुध, और चन्द्रमा चारो ही लग्न में हो या केन्द्र स्थानों में हो, तो राज्य लक्षण योग बनता है।
फल:- जिस जातक की कुण्डली में यह योग होता है, वह जीवन में बहुत उन्नति करता है, जीवन की सभी सुख-सुविधाएं भोगता है और पूर्ण वाहन सुख प्राप्त करता है उसका व्यक्तित्व भी आकर्षक होता है।
नोटः सुन्दरता और व्यक्तित्व प्रदान करने वाले ग्रह है-बुध और चन्द्र। यदि ये दोनों ग्रह बलवान और कारक बनकर बैठे हो, तो जातक को विशेष सुन्दर बना देते है, पर यदि ये दोनों ग्रह अकारक, निर्बल अथवा शत्रुक्षेत्री हो, तो जातक के व्यक्तित्व में विशेष निखार नहीं समझना चाहिए।
गुरु, शुक्र, और बुध के साथ ही चन्द्रमा भी केन्द्र स्थान में हो तो पूर्ण राज्य लक्षण योग बनता है, परन्तु यदि चन्द्र केन्द्र में न होकर त्रिकोण स्थान में हो, तो भी राज्य लक्षण योग समझना चाहिए। यद्यपि यह अधिक प्रभावोत्पादक नहीं माना जाता है।
पूर्ण राज्य लक्षण योग रखने वाले जातक के जीवन में किसी भी प्रकार का अभाव नहीं रहता।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा हम से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए