शुक्र का मकर राशि में प्रवेश

================ ॐ भृगुपुत्राय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात ||… शुक्र 24 फरवरी 2019 को धनु राशि से निकलकर अपने मित्र शनि की मकर राशि में प्रवेश कर रहे है जो की 22 मार्च 2019 तक मकर राशि में ही भ्रमण करने वाला है । शुक्र अपनी शत्रु राशि धनु से निकलकर अपने नैसर्गिक मित्र…

मंगल में शुक्र की अन्तर्दशा फल:

अब हम मंगल की दशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा का फल बताएँगे मंगल ग्रह , भूमि, सेना पराक्रम, भाई और ऊर्जा का कारक होता है, मंगल ग्रह लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इसे मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। मकर इनकी उच्च राशि है, और कर्क इनकी नीच राशि कहलाती है।…

मंगल में केतु की अन्तर्दशा फल:

अब हम मंगल की दशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा का फल बताएँगे मंगल ग्रह , भूमि, सेना पराक्रम, भाई और ऊर्जा का कारक होता है, मंगल ग्रह लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इसे मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। मकर इनकी उच्च राशि है, और कर्क इनकी नीच राशि कहलाती है।…

अब हम मंगल की दशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा का फल बताएँगे

अब हम मंगल की दशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा का फल बताएँगे मंगल ग्रह , भूमि, सेना पराक्रम, भाई और ऊर्जा का कारक होता है, मंगल ग्रह लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इसे मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। मकर इनकी उच्च राशि है, और कर्क इनकी नीच राशि कहलाती है।…

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर :

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर :- =================== आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन अमृतं मर्त्य च | हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन् || ओ ग्रहानामादिरादिट्यो लोकरक्षणकारक: । विषमस्थांसम्भूता पीडा हरतु में रवि:। 13 फरवरी 2019 से सूर्य मकर राशि से निकलकर कुम्भ राशि में प्रवेश कर चूके है जो की 15 मार्च तक…

मेष राशि में मंगल का गोचर :- ========================== मंगल अपनी स्व राशि मेष में आ चुके है,जो 22 मार्च तक रहेंगे आइए देखते है ये आप की राशि पर क्या शुभ – अशुभ फल लाए है | मेष राशि :- मंगल के प्रभाव से आप का शरीर पुष्ट होगा तथा आत्म- बल प्रचुर मात्रा में…

मंगल में राहु की अंतर्दशा:-

मंगल में राहु की अंतर्दशा:- सवोच्च, मूलत्रिकोण, केन्द्र लाभस्थान या त्रिकोण में गत राहु शुभ दृष्ट हो तो मंगल की दशा में राहु की अंतर्दशा आने पर राजसम्मान, गृह, भूमि का लाभ, स्त्रीपुत्र की प्राप्ति, व्यापर में अधिक सफलता तथा विदेशगमन होता है। अष्टम या द्वादश में स्थित राहु पापग्रहयुक्त या पापदृष्ट हो तो राहु…