राहु
यह राशि चक्र में कल्पित बिन्दु स्थान ही है। इसे शास्त्रो में छाया ग्रह कहा जाता है। जिस राशि नक्षत्र में होता है अथवा जो ग्रह इस पर दृष्टि सम्बन्ध बनाते है उस अनुसार ही फल देता है यह सदा वक्रीय चलता है और राशि चक्र पूरा करने में लगभग 18 वर्ष लगाता है तथा एक राशि में प्रायः 18 महीने रहता है।
इसका रंग काला, नीला है। यदि बुध मस्तिष्क का ढांचा है तो राहु इसमें हरकत का कारक है। इसकी साँप से भी तुलना की गई है। यदि यह साँप का मुह है तो केतु पूंछ है। धुंआ, रसोई का भी कारक है। यह दृष्ट ग्रह है तथा शनि जैसे ही प्रभाव देता है। यह डॉक्टरी, जेल, इलेक्ट्रॉनिक, विस्तार से विपरीत सिकुड़न, विघ्न, डर, भय, वहम, गंदी नाली, रसोई, वियोग आदि का सूचक है
पद, दसवे पिता का मारक होता है। दसवे राहु अचानक पद में वृद्धि कर देता है लेकिन कुछ समय बाद यह पद, वृद्धि, उन्नति छीन लेता है। मानो पहले इसने भूल कर ली हो।
जैसे पहले बताया गया है कि जिस ग्रह अथवा राशि में हो वेसे ही फल देता है। इस प्रकार जिस ग्रह के साथ होता है उसके गुणो अथवा फल में बहुत वृद्धि कर देता है। जैसे यदि शुक्र के साथ बैठा है तो शुक्र के प्रभाव, प्यार, मुहब्बत, सौन्दर्य में वृद्धि कर देगा। जातक के मस्तिष्क में प्यार,मुहब्बत, सुन्दर वस्तुओं की नक्लो हरकत अधिक हो जाएगी इस प्रकार जातक अयोग्य प्रेम सम्बन्धो में उलझ जाएगा। राहु अंधकार, धुंआ आदि का सूचक है तथा साँप का मुह भी सूचित करता है।
यदि गुरु जो की विस्तार, ज्ञान, सुख एवं विद्या का कारक है, इससे पीछे हो तो पहले चक्र में जो 12 वर्ष की आयु तक होगा, गुरु को साँप के मुह, अंधकार व् धुएं में से गुजरना पड़ेगा। इस प्रकार के योग से जातक 12 वर्ष तक कुछ करने में समर्थ कैसे हो सकेगा सब कुछ करने पर भी जातक का यह समय असुखद वातावरण उत्पन करेगा। विद्या में कमजोर रहेगा।
रोग:- राहु तंतु प्रणाली, चर्म, विषैली वस्तुए खाने से उत्पन रोग, मिरगी, विषाक्त फोड़ा, केंसर, सूजन, शरीर में पानी भर जाना, कोढ़, ज्वर, दिमागी रोग, प्लेग, दुर्घटना, आकस्मिक चोट, अचानक परिजनों की मृत्यु, दाद आदि रोग देता है,जेल जाना,डर, वहम, ससुराल, विरह, वियोग, विद्रोह भी यह देता है तथा सम्बंधित विकार भी होते है।
प्रभाव एवं क्या क्या विचारना:- इससे दाद, स्पर्श शक्ति, मस्तिष्क की नक्लो हरकत, सोचना, खयालात अथवा दिल की नक्लो हरकत, मेडिकल लाइन, बिजली से सम्बंधित, आयु, दुर्घटना, अचानक घटने वाली घटनाओं का विचार किया जाता है। विद्रोह, वियोग, मृत्यु, काले रंग का कुत्ता, बिल्ली आदि भी इसके प्रभाव क्षेत्र में आते है।
यह सूर्य को ग्रहण एवं चन्द्रमा को क्षीण करता है।
निशानी:- काला कुत्ता घर से अचानक चला जाए अथवा गुम हो जाए , बिल्ली रोए श्याम रंग रिश्तेदार के व्यवहार में फर्क आ जाए, अचानक जेल जाना पड़े तो राहु बुरा हो गया माना जाता है।
मकान:- जिस भाव में जन्म के समय राहु हो उस दिशा में पैतृक मकान अथवा गन्दा पानी, ख़राब बंद गटर, मकान की नाली, गन्दा पानी एकत्र होने का स्थान होता है, यदि ऐसा कुछ नही तो फिर चूल्हा, धुंआ का स्थान रसोई होनी चाहिए।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए