सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर :- =================== आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन अमृतं मर्त्य च | हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन् || ओ ग्रहानामादिरादिट्यो लोकरक्षणकारक: । विषमस्थांसम्भूता पीडा हरतु में रवि:। 14 फरवरी 2018 से सूर्य मकर राशि से निकलकर कुम्भ राशि में प्रवेश कर चूके है जो की 14 मार्च तक…

Details

सर्वबाधा मुक्ति उपाय

1 सर्वबाधा मुक्ति यंत्र एवं नवग्रह यंत्र का दर्शन पूजन करे। 2 सर्व बाधा विनिमृक्तो, धन धान्य सुतान्वित: मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः मंत्र का 108 बार जाप करे 3 नवग्रह रत्न अंगूठी धारण करे, अथवा बाधामुक्ति त्रिशक्ति लॉकेट धारण करे। 4 बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करे। 5 विजयदशमी व्रत एवं गणेश चतुर्थी व्रत का…

Details

महा-शिवरात्

महा-शिवरात्रि ======== शिवरात्रि व्रतं नाम सर्वपापं प्रणाशनम्। आचाण्डाल मनुष्याणं भुक्ति मुक्ति प्रदायकं॥ अर्थार्त महा-शिवरात्रि का परम पर्व की व्याख्या उक्त श्लोक में कुछ इस प्रकार की गयी है कि यह सभी पापो का शमन करने वाला तथा चंडाल मनुष्य को भी भुक्ति और मुक्ति दोनों प्रदान करता है | चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं।…

Details

धनु

धनु यह विषम, पुरुष एवं द्विस्वभाव राशि है। अग्नि तत्व तथा स्वभाव क्रूर है। जाति क्षत्रिय, पित्त प्रधान तथा पूर्व दिशा को सूचित करती है। इसका विचरण स्थान पर्वत है।प्रभाव उष्ण तर एवं रंग पीला है। इसका स्वामी गुरु है। ज्योतिष शास्त्र के माहिरों के अनुसार इसमें केतु उच्च फलदायक एवं राहु नीच फलदाता है।…

Details

शुक्र का कुम्भ राशि में प्रवेश

शुक्र का कुम्भ राशि में प्रवेश =============== 6 फ़रवरी 2017से शुक्र अपने मित्र शनि की कुम्भ राशि में प्रवेश कर गये है की आपकी राशि पर ये क्या शुभ अशुभ फल लाएंगे ।ये देखते है। मेष राशि :- शुक्र के प्रभाव से बड़ी चतुराई के साथ धन का सुख और लाभ प्राप्त होता है |…

Details

“वृश्चिक राशि”

“वृश्चिक राशि” तो,ना,नी,नू,ने,नो,या,यी,यू ये इनसे सुरु होने वाले नाम वाले लोग वृश्चिक राशि में आते है यह सम स्त्री तथा स्थिर राशि है। जल तत्व, स्वभाव सोम्य एवं उत्तर दिशा सूचित करती हैं। ब्राह्मण जाति तथा रंग इसका सुर्ख़ लाल है। रात बलि, विचरण स्थान जल एवं कीटक है। प्रभाव सर्द तर तथा सांकेतिक चिन्ह…

Details

तुला राशि”

तुला राशि यह विषम, पुरुष एवं चर राशि है। वायु तत्व तथा स्वभाव क्रूर है। जाति शूद्र एवं रंग दही जैसा सफ़ेद है।यह दिन के समय बलि है, विचरण स्थान वन है। इसकी आकृति तराजु, प्रभाव उष्ण तर व् वादी है। इसका स्वामी शुक्र, शनि इसमें उच्च फल का तथा सूर्य नीच फल का है।…

Details

कन्या राशि

कन्या राशि यह सम, स्त्री एवं द्वीस्व भाव राशि है! पृथ्वी तत्व, सोम्य स्वभाव तथा दक्षिण दिशा की मालिक है प्रकृति वात तथा प्रभाव सर्द शुष्क है! जति वैश्य, रंग पांडुरंग, हरा चितकबरा, रात्रि बलि द्वीपद एवं सरल भूमि में विचरने वाली है इसका स्वामी बुध है तथा यह अस्थिर स्वभाव की मालिक है शरीर…

Details

swasth prapti upay

“स्वास्थ्य प्राप्ति उपाय “ 1. बृहस्पति यंत्र सूर्य यंत्र एवं महामतृयूजन्य यंत्र विधिवत स्थापित कर पूजन करे! 2. रोग नाश के लिए – ऊ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धि पुष्टिवर्धनम, उर्वारुकमिव बन्धनानमुत्योमुक्षीय मृतात मंत्र का नित्य जाप करें! 3. ॐ ही दू दुर्गायै नम: मंत्र का एक माला जाप रुद्राक्ष की माला पर करें! 4. माणिक्य रत्न…

Details

सिंह राशि

सिंह यह विषम, पुरुष, स्थिर तथा अग्नी तत्व राशि है | स्वभाव क्रूर तथा पूर्व दिशा को सूचित करती है | आकृति सिंह नर सांकेतिक चिन्ह है | दिन बलि तथा पर्वत आदि मे विचरण स्थान है | इसका स्वामी सूर्य है | शानदार एव दबदबे वाला व्यक्तित्व, मस्तक चोड़ा तथा कद ओसत होता है…

Details

मिथुन राशि

यह विषम द्विस्वभाव राशि हे वायु तत्व क्रूर स्वभाव पशिम दिशा को सूचित करती हे आक्रती युगल पुरुष स्त्री तथा रंग हरा हे प्रभाव उष्ण तर जाती शुद्र ,दिन वली द्विपद तथा वन मे विचरण करने वाली हे इसका स्वामी बुध राहू उच्च फल ओर केतू इसमे नीच फल का होता हे इनका कद लंबा…

Details

वृष राशि

  वृष राशि की आकृति बेल जेसी तथा यहसम स्त्री स्थिर एवं पृथ्वी तत्व राशि हे स्वभाव सोभ्या दक्षिण दिशा का मालिक वात प्राकती वेश्या जाती रंग दहि जेसा सफ़ेद तथा रात्री वाले हे यह सरल भूमि मे विचरण करने वाले एवं प्रभाव सर्द शुस्क हे इसका स्वामी शुक्र व चन्द्र इसमे उच्च का होता…

Details

मेष राशि का सम्पूर्ण हाल

  मेष चर एवं अग्नि तत्व राशि हे यह पिछले भाग से उदित होने वाली राशि हे दिशा पूर्ण रंग लाल स्वभाव उग्र तथा प्रभाव गर्म शुष्क हे यह विषम व पुरुष तथा जाती क्षत्रिय हे यह दिन वाली ओर इसका वास पर्वत वन हे मंगल इसका स्वामी सूर्य इनमे उच्च का तथा शनि नीच…

Details

रेवती नक्षत्र

एनक्षत्र 28 होते है एवं फल कथन मे 27 नक्षत्र ही गिने जाते हे | अभिजीत नक्षत्र को नही लिया जाता | राशि 30 अंश की होती हे एवं राशि में 2¼ नक्षत्र होते हे | इस प्रकार नक्षत्र का विस्तार 13 अंश 20 क्ला तक होता हे | इससे स्पष्ट है कि फल कथन…

Details