गजकेशरी योग:-

गजकेशरी योग:- ” गजकेसरी संजातस्तेजस्वी धनधान्यवान। मेधावी गुण सम्पन्नों राजप्रिय करो भवते।। चन्दमा से केन्द्र में (1,4,7, 10 वे भाव में) बृहस्पति स्थित हो तो गजकेशरी योग होता है। यदि शुक्र या बुध नीचराशि में स्थित न होकर या अस्त न होकर चन्द्रमा को सम्पूर्ण दृष्टि से देखते हो तो प्रबल गजकेशरी योग होता है।…