सूर्य में गुरु की अंतर्दशा फल:- => केन्द्र त्रिकोण, मित्र वर्गस्थ गुरु हो तो सूर्य की दशा में गुरु की अंतर्दशा आने पर विवाहोत्सवजन्य सुख, राजदर्शन, धन- धान्यादिलाभ तथा पपुत्रप्राप्ति, महाराजप्रसाद, से अभिष्टकार्यो की संसिद्धि, तथा  प्रियवस्त्रादि का लाभ, ये सभी होते है। => वही गुरु भाग्येश या राज्येश हो तो राज्यलाभ, नरवाहन की प्राप्ति…