No title
* प्रगट चारि पद धर्म के कलि महुँ एक प्रधान।
जेन केन बिधि दीन्हें दान करइ कल्यान॥
राम चरित मानस में काकभुसुंड़ी जी गरुण जी को बताते है कि हर युग में
धर्म के चार चरण (सत्य, दया, तप और दान) प्रसिद्ध हैं, जिनमें से कलि (कलियुग) में *दान* रूपी चरण ही प्रधान है। किसी भी प्रकार और बिधि से दिया जाने दान सर्वत्र कल्याण ही करता है ॥
और इसमें भी स्वार्थरहित होकर दिया गया दान सर्वश्रेष्ठ माना गया है ।
Related posts