वास्तुदोष शांति उपाय
1.संपूर्ण वास्तुदोष निवारण यंत्र स्थापित केआर पूजन करें।
2.ॐ वास्तुदेवताभ्यो नमः मंत्र का 108 बार जाप करें वास्तु दोष शान्ति होगी ।
3.नवरत्न अंगूठी धारण करें।
4.14 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
5.वास्तु दोष निवारक चोकी पुजाघर में स्थापित कर नित्य पुजा करें।
6.गौरी शंकर के नित्य दर्शन करें। पारद शिवलिंग का दर्शन पूजन करें।
7.नए सूती वस्त्र में जटावाला नारियल बांधकर बहते जल में प्रवाहित करने से सभी वास्तु दोष दूर होते हें।
8.घर का प्रवेश द्वार यथासम्भव पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए । प्रवेश द्वार के समक्ष सीढ़िया व रसोई नहीं होनी चाहिए।
9.भवन में कांटेदार व्रक्ष व पेड़ नहीं होने चाहिए न ही दूध वाले पोधे कनेर , आक , केक्टस एवं बोंसाई आदि।इनके स्थान पीआर सुगन्धित एवं खूबसूरत फूलों के पोधे लगाये।
10.घर में युद्ध के चित्र , बन्द घड़ी , टूटे कांच तथा शयन कक्ष में पलंग के सामने दर्पण या ड्रेसिंग टेबल नहीं होनी चाहिए।
11.मुख्य द्वार पर मांगलिक चिन्ह जेसे स्वास्तिक , ॐ आदि अंकित करने के साथ – साथ गणपति , लक्ष्मी या कुबेर की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए।