तुला राशि
यह विषम, पुरुष एवं चर राशि है। वायु तत्व तथा स्वभाव क्रूर है। जाति शूद्र एवं रंग दही जैसा सफ़ेद है।यह दिन के समय बलि है, विचरण स्थान वन है। इसकी आकृति तराजु, प्रभाव उष्ण तर व् वादी है। इसका स्वामी शुक्र, शनि इसमें उच्च फल का तथा सूर्य नीच फल का है।
कद लम्बा, एक सा शरीर, देखने में शानदार व आकर्षक, हाथ, पैर, बाहे कुछ पतले होते है। रंग साफ, सुन्दर, रूपवान होते है। सुन्दर आँखे एवं नाक तोते जैसी होती है। चेहरा गोल तथा कई बार चौकोर होता है स्त्री जातक बहुत सुन्दर होती है। आयु के बढ़ने के साथ ये लम्बे हो जाते है।
इनमे समता, दयालुता, स्नेहशीलता तथा विचार शुद्ध होते है। बड़ी ऊंची आशाएं उम्मीदे रखते है और बातूनी भी होते है। सन्तुलित मस्तिष्क एवं निर्णय सोच विचार कर सकते है। न्यायप्रिय, लोकप्रिय तथा बलिदान करने की भावना अथवा सामर्थ्य इनमे होते है। कल्पना शक्ति बढ़िया, प्रसन्न चित तथा इनको जूठी शान या दिखाना अच्छा नहीं लगता । कई बार जुकाव आध्यात्मिक दर्शन की ओर हो जाता है। ये शांतिप्रेमी होते है परन्तु अनुचित दबाव सहन नहीं करते । धमकी देकर कोई भी चीज़ इनसे प्राप्त नहीं की जा सकती । इन्हें सुखी एवं मेल जोल वाला जीवन पसन्द होता है। ये दुसरो की आलोचना भी करते है पर यह रचनात्मक ढंग की होती है। ये शौकीन तबीअत के होते है और अच्छे कपडे, सब तरह का सुख प्राप्त करना पसन्द करते है। यदि क्रोध आ भी जाये तो अधिक देर नहीं टिकता ।
सूर्य इस राशि ने नीच फल का है। इनकी कल्पनाशक्ति तो बहुत होती है परन्तु उन विचारों को वास्तविक रूप देना इनके वश की बात नहीं होती है । दर्शन भरपूर परन्तु आत्मिक रूप से कमजोर ही होते है। इस राशि का सांकेतिक चिन्ह तुला अथवा तराजु है। पलड़े में जरा सा वजन कम अधिक होने अथवा असमानता के कारण तराजु पर जल्दी प्रभाव पड़ता है इसी प्रकार इस राशि के जातकों पर दुसरो का प्रभाव बहुत जल्दी होता है। और ये दुसरो के प्रभाव आधीन आ जाते है। कामवासना के गुलाम भी हो सकते है।
पढाई के मामले में ये बड़े सूक्ष्मचित होते है। कल्पनाशक्ति बढ़िया होती है । पढाई में पूरी रूचि रखते है पूरी लग्न तथा मेहनत से यदि पढाई करे तो कानून में भी डिग्रियां प्राप्त करने में सफल होते है। आलस्य एवं दुसरो का प्रभाव पढाई में रूकावट डालना है और इस प्रकार ये परीक्षा में बार बार असफल होते है। संगत का रंगत निखार कर सामने आ जाती है।
तुला राशि पुरुष राशि है। तुला के दो पलड़े होते है। यदि मंगल की दशा ठीक हो तो दो भाई होते है तथा एक बहन होती है। अनुभव में आया है कि जातक की पत्नी के भाई समान ही जातक के भाई होते है । भाई बहनों के साथ सम्बन्ध सुखद नहीं होते है। माता पिता के साथ भी मन मुटाव ही रहता है। विशेषकर पिता के साथ अनबन हो जाती है और जातक चाचे / ताए के प्रभाव आधीन आ जाता है सौतेले भाई या बहन भी हो सकते है।
24 वे वर्ष विवाह हो तो फलदायक है पति पत्नी सुखमय व् शांत जीवन जीना चाहते है । पति पत्नी में मत भेद अवश्य हो जाते है । यदि ग्रह स्थति ठीक हो तो विवाहोपरांत भाग्य चमकते है परन्तु कई बार विवाह के पश्चात दुखो का सामना करना पड़ता है । संतान कम ही होती है। लड़का परेशनी का कारण बनता है तथा लड़की लाभ देती है। फिर भी किसी एक संतान के कारण परेशानी झेलनी पड़ती है। संतान गोद लेने का भी योग होता है साधारण अवस्था में इनका वैवाहिक जीवन सुखी और इनका अपना घर, परिवार एवं धन अत्यंत प्रिय होता है
तुला लग्न आदि की स्त्री जातक बुद्धिमान, समझदार व् चतुर होती है वे अपने जीवन साथी के साथ भी बहुत प्रेम करती है।
ये जातक विज्ञानं, यांत्रिक एवं कला के कार्यो में पूरी रूचि रखते है परंतु आगे बढ़ने की कमी के कारण पूरा लाभ नहीं होता है। व्यापार, वकील, अभिनेता, सेलमेंन, लोहा, दुकानदारी, लेखन, शराब, तेल, पान की दुकान, सुनार, टेलरिंग, प्रॉपटी डीलर, टी. वी, वी.सी.आर की दुकान, फोटोग्राफ, इनके उपयुक्त कारोबार है। चूंकि ये रहन सहन तथा कारोबार में परिवर्तन करते रहते है अतः घूम फिर कर व्यापार करना भी ठीक होता है।
किसी सम्बन्धी की आकस्मिक मिर्तुयु से अचानक लाभ होता है धन व् जायदाद सम्बन्धी मुकदमा हो जाता है, यदि मुकदमे में सफलता मिल भी जाएं तो पक्की शत्रुता भी हो जाती है। ऐसे जातक अपने लिए स्वयं मुसीबत मोल लेते है और मृत्यु का कारण बनते है ।
तुला चर राशि है। यात्राएं होती रहती है। जातक पत्नी के पास रहना अधिक ठीक समझते है। इस प्रकार यात्राओं से कई बार लाभ कम ही होता है।
शारारिक ढांचा इनका मजबूत नहीं होता है तथा आत्मिक शक्ति की कमी होती है शुक्ष्म होने हेतु कई सूक्ष्म रोग भी होते यद्दपि साधारण स्वास्थ ठीक रहता है फिर भी मानसिक हालत में गड़बड़ी, मसाना, गुर्दे, पथरी रोग, नाभि के पास पीड़ा , वीर्य विकार,चर्म रोग, एवं ऑपरेशन आदि की सम्भावना रहती है।
शुक्रवार का दिन , 6 की संख्या शुभ फलदाय है तीन एवं नो की संख्या भी जीवन पर प्रभाव डालती है दही जैसा सफ़ेद रंग, हल्का नीला रंग भी शुभ है, रत्न हीरा धारण करना कारोबार के लिए अच्छा है सूर्य को मजबूत करने के लिए माणिक्य धारण करना हितकर है।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बला-बल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए
No automatic alt text available.