कैसा रहेगा मंगल का मकर राशि में गोचर :-
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2 मई को मंगल अपने मित्र गुरु की धनु राशि से निकल कर अपनी उच्च मकर राशि में गोचरवश आ गए है जो कि मकर राशि मे 6 नवम्बर 2018 तक रहेगा | आइए देखते है यह गोचर आपकी राशि के लिए ये क्या शुभ- अशुभ फल लेकर आया है |
मेष राशि :- मकर राशि पर उच्च के मंगल के प्रभाव से पिता से वैमनस्य रहते हुए भी उसे स्थान तथा व्यवसाय की उन्नति होती है, राज्य द्वारा भी सम्मान की प्राप्ति होती है | शारीरिक प्रभाव में उन्नति रहेगी | माता तथा भूमि के सुख में कमी का योग बनेगा | विद्या – बुद्धि एव संतान के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त होगी |
वृष राशि :- स्त्री पक्ष से लाभ होता है, तथा भाग्य की शक्ति से व्यवसाय में भी उन्नति होती है, और धर्म में भी आस्था रहती है | खर्च अधिक रहेगा | बाहरी स्थानो के सम्बन्ध से लाभ होगा | भाई -बहन के सुख तथा पराक्रम में कमी रहेगी | माता, भूमि, मकान तथा घरेलु सुख में भी कुछ कमी रहेगी |
मिथुन राशि :- अष्टम भाव में उच्च के मंगल के प्रभाव से स्वास्थय में वृद्धि तथा पुरातत्व का भी लाभ मिलता है | साथ ही शत्रु पक्ष में भी कुछ परेशानियों के साथ सफलता मिलती है | परिश्रम द्वारा धन का लाभ होता है | जीवन निर्वाह के लिए बंधी हुई आमदनी का योग रहता है | धन संग्रह में कमी तथा कुटुंब से कलेश रहता है | पराक्रम में वृद्धि होती है, तथा भाई- बहन के सम्बन्ध में कुछ परेशानी के साथ लाभ प्राप्त होता है |
कर्क राशि :- सप्तम भाव में गोचरस्थ उच्च के मंगल के प्रभाव से कई सुन्दर सुन्दर स्त्रियों का सहयोग प्राप्त होता है | परन्तु उनसे कुछ मतभेद भी रहता है, और व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष सफलता मिलती है | इसके साथ ही विद्या, बुद्धि एव संतान की शक्ति भी मिलती है | पिता, राज्य एव व्यवसाय की शक्ति मिलती है, तथा इनसे सुख, लाभ एव सम्मान की प्राप्ति होती है | शारीरिक सौंदर्य एव स्वास्थ्य में कमी रहती है, घरेलु सुख में कुछ कठिनाइया आती है | धन- संचय शक्ति प्रबल रहती है, तथा वाणी में भी विशेष प्रभाव रहता है |
सिह राशि :- उच्च के मंगल का गोचर षष्ठ भाव में होने के कारण शत्रु पक्ष में सफलता प्राप्त होती है, तथा भाग्य की शक्ति से सुख भी मिलता है| परिश्रम द्वारा भाग्य की उन्नति करता है साथ ही धर्म का पालन भी करता है | खर्च के मामले में कुछ परेशानी रहती है तथा बहरी स्थानो के सम्बन्ध में कुछ कमी आती है | शारीरिक प्रभाव एव सुख एव सौंदर्य की वृद्धि होती है |
कन्या राशि :- पंचम भाव पर गोचर करते हुए मंगल के प्रभाव से संतान के पक्ष में कुछ परेशानी के साथ सफलता मिलती है, तथा विद्या- बुद्धि के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है | पुरात्तव की शक्ति की वृद्धि होती है | आमदनी के मार्ग में कठिनाइया आती है, खर्च अधिक होता है, और बहरी स्थानो के सम्बन्ध से लाभ प्राप्त होता है व प्रभाव में वृद्धि होती है |
तुला राशि :- चतुर्थ भाव पर गोचरस्थ उच्च के मंगल के प्रभाव से माता, भूमि तथा मकान आदि का विशेष सुख मिलता है, एव धन का विशेष संग्रह होता है | स्त्री एव व्यवसाय के द्वारा भी सुख एव सफलता की प्राप्ति होती है | पिता के सुख में कमी एव राज्य एव व्यवसाय के पक्ष में उन्नति में प्रभाव पड़ता है | आमदनी के पक्ष में विशेष सफलता मिलती है |
वृश्चिक राशि :- तृतीय भाव में गोचर करते हुए उच्च के मंगल के प्रभाव से पराक्रम की वृद्धि होती है, तथा भाई – बहनो से कुछ वैमनस्य रहता है | शत्रु पक्ष पर विजय प्राप्त करता है तथा अपना प्रभाव बनाए रखता है | भाग्य की अपेक्षा पुरुषार्थ पर अधिक भरोसा होता है | तथा धर्म का भी यथा विधि पालन नहीं होता है | पिता, राज्य एव व्यवसाय के पक्ष में उन्नति, यश, लाभ, सुख तथा सम्मान की प्राप्ति होती है |
धनु राशि :- धन भाव पर गोचरस्थ उच्च मंगल के प्रभाव से बुद्धि योग तथा भारी सम्बन्धो से धन का संचय होता है , तथा कौटुम्बिक सुख में कमी बनी रहती है,विद्या तथा संतान की शक्ति प्राप्त होती है| थोड़ी सफलता मिलती है, धर्म के पालन में कमी रहती है | ये समय संघर्ष पूर्ण रहता है |
मकर राशि :- लग्नस्थ मंगल के प्रभाव से शारीरिक सौंदर्य, स्वास्थ्य एव शक्ति में वृद्धि होती है | माता, भूमि एव मकान का सुख प्राप्त होता है, रहन – सहन शानो शौकत भरा होता है | स्त्री के सुख में कमी रहती है, तथा व्यवसाय के पक्ष में भी कठिनाइया आती है |इस समय आप अपना स्वार्थ सिद्ध करने में चतुर एव सुखी रहेंगे |
कुम्भ राशि :- व्यय अथवा बाहरवें भाव में गोचर करते हुए उच्च के मंगल के प्रभाव से खर्च अधिक रहता है, बहरी स्थानो के सम्बन्ध में विशेष लाभ प्राप्त होता है | राज्य, पिता एव व्यवसाय के क्षेत्र में कुछ हानि उठानी पड़ती है | अपनी मात्र भूमि की अपेक्षा अन्य स्थानो में सफलता प्राप्त होती है | भाई- बहनो की शक्ति मिलती है | तथा पराक्रम की वृद्धि होती है | शत्रु पक्ष से कुछ परेशानी रहती है| तथा ननियाल पक्ष भी दुर्बल रहता है | स्त्री द्वारा दुःख मिलता है, तथा व्यवसाय के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है |
मीन राशि :- लाभ भाव में गोचरस्थ मंगल के प्रभाव से आमदनी में वृद्धि होती है | भाग्य साथ देता है तथा धर्म का पालन भी होता है | धन तथा कुटुंब की उन्नति होती है | विद्या तथा संतान के पक्ष में कुछ कमी तथा परेशानी रहती है | भाग्य की शक्ति से शत्रु पक्ष पर विजय एव प्रभाव प्राप्त होता है | तथा झगडे के मामलो में सफलता प्राप्त करता है |
उपाय:–1 केले और पीपल की जड़ में दूध चढ़ाएं।
2 सूर्य को चीनी और दूध मिले जल से अर्ध्य दें।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए