रुद्राक्ष का विविध रोगों में प्रयोग-:
1 आयुर्वेदिक दृष्टि से रुद्राक्ष को महौषधि माना गया है इसके विषय में कहा
गया है कि यह उष्ण ओर अम्ल होता है इसी कारण यह वात और कफ
तथा अन्य रोगों का शमन करता है अम्ल और विटामिन सी युक्त्त होने के
कारण यह रक्त रोधक तथा रक्त विकार नाशक होता है। उष्ण होने के
कारण यह सर्दी और कफ से होने वाले सभी रोगों में उपयोगी माना गया
है।
2 उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिये तो रुद्राक्ष माला एक वरदान स्वरूप है यह रक्तचाप को नियंत्रित रखती है इसके लिये आवश्यक है कि रुद्राक्ष के दाने या रुद्राक्ष की माला रोगी के ह्रदय तक लटकती रहे अर्थात ह्रदय स्थल को स्पर्श करती रहे। यह रोगी के शरीर की अनावश्यक गर्मी अपने में खीचकर उसे बाहर फेकती है अनेक ऋषि-मुनियो का मत है कि रुद्राक्ष धारण करने से मन को असीम शांति मिलती है तथा उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
3 रुद्राक्ष के दाने को पानी में घिसकर यदि विषाक्त फोड़ो पर इसका लेप
किया जाये तो फोड़े ठीक हो जाते है।
4 रुद्राक्ष के दाने को रात को ताँबे के बर्तन में जल भर कर उसमें डाल दे
सुबह दानो को निकाल कर खाली पेट उस जल को पीने से ह्रदय रोग तथा
कब्ज आदि में लाभ मिलता है।
5 रुद्राक्ष को दूध में उबालकर दूध पीने से स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा खासी
में भी आराम मिलता है।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा हम से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए