चन्द्र-मंगल योग:-
यदि कुंडली में कही पर भी चन्द्रमा और मंगल एक साथ बैठे हो, तो चन्द्र मंगल योग बनता है।
फल:- चन्द्र-मंगल योग रखने वाला व्यक्ति जीवन में धनवान होता है तथा अर्थ-संचय में प्रवीण होता है। उसका सम्पर्क विविध स्त्रियों से रहता है तथा सम्बन्धियो के साथ वह चालाकी भरा व्यवहार करता है माता के साथ उसके सम्बन्ध मधुर नहीं रहते ।
नोटः चन्द्र-मंगल योग में इस बात का ध्यान रखना चाहिए की वे दोनों किस स्थिति में है।
यदि चन्द्र-मंगल अकारक ग्रह हो, तो जातक किसी स्त्री के सम्पर्क से लाभ उठाता है शराब की दुकान आदि व्यापार से भी लाभ उठाता है तथा माता से क्षीण सम्बन्ध रखता है, परन्तु यदि मंगल कारक ग्रह हो, तो इसका फल सर्वथा विपरीत होता है। ऐसी स्थिति में जातक ईमानदार,परोपकारी,ज्योतिष एवं वैद्यक में रूचि रखने वाला , हँसमुख, स्वस्थ शरीर एवं विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला होता है।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा हम से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए