महायोग्य योगः-
पुरुष की कुण्डली हो, दिन का जन्म हो तथा सूर्य, चन्द्र और लग्न अयुग्म राशियों (1,3,5,7,9 व् 11) में हो। इसी प्रकार स्त्री की कुण्डली हो, रात्रि का जन्म हो तथा सूर्य, चन्द्र और लग्न युग्म राशियों (2, 4, 6, 10, 12) पर हो तो महायोग्य होता है।
फल:- इस योग में जन्म लेने वाला जातक उत्तम चरित्र एवं पवित्र विचारों का धनी होता है तथा जितने भी व्यक्ति उसके सम्पर्क में आते है, वे प्रसन्न रहते है। मित्रो का उसके जीवन में आभाव नहीं रहता। ऐसा व्यक्ति पूर्ण आयु प्राप्त करता है। उसकी वृद्धावस्था पूर्ण सुख से बीतती है, तथा अपने जीवन में स्वयं के कार्यो के फलस्वरूप प्रसिद्धि प्राप्त करता है।
स्त्री जातक की कुण्डली में यह योग होने पर वह उत्तम पुरुष के साथ ब्याही जाती है तथा उसके जीवन में धन का अभाव नहीं रहता। ऐसी स्त्री आदर्श महिला कही जा सकती है।
नोटः- महाभाग्य योग रखने वाला जातक अपने साथ उत्तम कोटि का भाग्य लेकर आता है। लग्न , सूर्य और चन्द्र तीनो मन, बुद्धि और शरीर के कारण है और जब ये तीनो तत्व बलवान हो जाते है तो व्यक्ति निश्चित ही भाग्यशाली हो जाता है।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा हम से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए