मंगल का मिथुन राशि में गोचर

मंगल का मिथुन राशि में गोचर :- ===================== 7 मई 2019 को मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जो की 22 जुन 2019 तक मिथुन में गोचर करेंगे | आइए देखते है की ये आपकी राशि के लिए क्या शुभ और अशुभ फल लाया है | मेष राशि :- मंगल के प्रभाव से आप को…

शुक्र का मकर राशि में प्रवेश

================ ॐ भृगुपुत्राय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात ||… शुक्र 24 फरवरी 2019 को धनु राशि से निकलकर अपने मित्र शनि की मकर राशि में प्रवेश कर रहे है जो की 22 मार्च 2019 तक मकर राशि में ही भ्रमण करने वाला है । शुक्र अपनी शत्रु राशि धनु से निकलकर अपने नैसर्गिक मित्र…

मंगल में शुक्र की अन्तर्दशा फल:

अब हम मंगल की दशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा का फल बताएँगे मंगल ग्रह , भूमि, सेना पराक्रम, भाई और ऊर्जा का कारक होता है, मंगल ग्रह लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इसे मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। मकर इनकी उच्च राशि है, और कर्क इनकी नीच राशि कहलाती है।…

मंगल में केतु की अन्तर्दशा फल:

अब हम मंगल की दशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा का फल बताएँगे मंगल ग्रह , भूमि, सेना पराक्रम, भाई और ऊर्जा का कारक होता है, मंगल ग्रह लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इसे मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। मकर इनकी उच्च राशि है, और कर्क इनकी नीच राशि कहलाती है।…

अब हम मंगल की दशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा का फल बताएँगे

अब हम मंगल की दशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा का फल बताएँगे मंगल ग्रह , भूमि, सेना पराक्रम, भाई और ऊर्जा का कारक होता है, मंगल ग्रह लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इसे मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। मकर इनकी उच्च राशि है, और कर्क इनकी नीच राशि कहलाती है।…

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर :

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर :- =================== आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन अमृतं मर्त्य च | हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन् || ओ ग्रहानामादिरादिट्यो लोकरक्षणकारक: । विषमस्थांसम्भूता पीडा हरतु में रवि:। 13 फरवरी 2019 से सूर्य मकर राशि से निकलकर कुम्भ राशि में प्रवेश कर चूके है जो की 15 मार्च तक…

मेष राशि में मंगल का गोचर :- ========================== मंगल अपनी स्व राशि मेष में आ चुके है,जो 22 मार्च तक रहेंगे आइए देखते है ये आप की राशि पर क्या शुभ – अशुभ फल लाए है | मेष राशि :- मंगल के प्रभाव से आप का शरीर पुष्ट होगा तथा आत्म- बल प्रचुर मात्रा में…

मंगल में राहु की अंतर्दशा:-

मंगल में राहु की अंतर्दशा:- सवोच्च, मूलत्रिकोण, केन्द्र लाभस्थान या त्रिकोण में गत राहु शुभ दृष्ट हो तो मंगल की दशा में राहु की अंतर्दशा आने पर राजसम्मान, गृह, भूमि का लाभ, स्त्रीपुत्र की प्राप्ति, व्यापर में अधिक सफलता तथा विदेशगमन होता है। अष्टम या द्वादश में स्थित राहु पापग्रहयुक्त या पापदृष्ट हो तो राहु…

मंगल में मंगल की अंतर्दशा:

मंगल में मंगल की अंतर्दशा:- केन्द्र, त्रिकोण, लाभस्थान, तृतीय या धनस्थान में शुभग्रह तथा लग्नेश के साथ मंगल हो तो मंगल की दशा में अपनी ही अंतर्दशा में राजकृपा से ऐश्वर्य प्राप्ति, लक्ष्मी का विलास, विनष्ट राज्य तथा अर्थ का लाभ, पुत्रोत्सव तथा गवादि पशुओं से परिपूर्ण घर होता है। वही मंगल अपने उच्च स्वभवन…

शुक्र का धनु राशि में गोचर :-

शुक्र का धनु राशि में गोचर :- ========================= 29 जनवरी 2019 को शुक्र वृश्चिक राशि से निकलकर, धनु राशि में प्रवेश कर चुके हैं| आइए देखते है कि शुक्र आपकी राशि के लिए क्या शुभ अशुभ फल लाए है | मेष राशि :- गुरु की धनु राशि पर स्थित शुक्र के प्रभाव से भाग्य अच्छा…

चन्द्रमा में सूर्य की अंतर्दशा:

चन्द्रमा में सूर्य की अंतर्दशा:- सवोच्च, स्वभवन, केन्द्र, त्रिकोण, लाभस्थान, धन तथा सोदर(तृतीय) स्थान स्थित बलि सूर्य यदि हो तो चन्द्रमा की दशा में सूर्य की अंतर्दशा आने पर विनष्ट राज्य तथा धन की प्राप्ति , मित्र तथा राजा के प्रसाद से गाँव भूमि आदि का लाभ पुत्र प्राप्ति, घर में लक्ष्मी का विलास अंतर्दशा…

चन्द्रमा में शुक्र की अंतर्दशा:- केंद्र, त्रिकोण लाभस्थान, सवोच्च, स्वभवन में शुक्र यदि जन्म समय में हो तो चन्द्रदशा में शुक्र की अंतर्दशा आने पर राज्यलाभ, महाराज की कृपा से वाहन, वस्त्र, भूषण की प्राप्ति, पशुलाभ, स्त्री-पुत्र की अभिवृद्धि, नूतनभवननिर्माण, नित्य मिष्टान भोजन, सुगन्ध पुष्प की माला, आरोग्य तथा अनेकविध सम्प्रदाय प्राप्त होती है। शुक्र…

चन्द्रमा में केतु की अंतर्दशा:-

केन्द्र, त्रिकोण, लाभस्थान या तृतीय स्थान में सबल केतु रहे तो चन्द्रदशा में केतु की अंतर्दशा आने पर धन-लाल, महासौख्य, पुत्र-स्त्री के सुख, धर्मकार्य, आरम्भ में धन हानि, मध्य में उत्तम सुख, ये फल होते है।। दशेश से केंद्र, त्रिकोण या लाभ स्थान में बलयुक्त केतु हो तो चन्द्रदशा में केतु की अंतर्दशा आरम्भ होने…

चन्द्रमा में बुध की अंतर्दशा:

चन्द्रमा में बुध की अंतर्दशा:- केन्द्र, त्रिकोण लाभस्थान, स्वभवन, स्वनवांश या सवोच्च में स्थित बलि बुध यदि हो तो चंदर्दशा में बुध की अंतर्दशा आने पर धनागम, राजसम्मान, प्रिय वस्त्रादि सुख, शास्त्रविचार, ज्ञानवृद्धि, पुत्रप्राप्ति, सन्तोष, लाभकारी व्यापार, तथा अनेक अलंकार में भूषित वाहन ये सभी फल होते है। दशापति से केंद्र , त्रिकोण, लाभस्थान या…

चन्द्रमा में शनि की अंतर्दशा:

चन्द्रमा में शनि की अंतर्दशा:- लग्न से केन्द्र त्रिकोण, स्वभवन, स्वनवांश, सवोच्च में स्थित शनि शुभग्रह दृष्ट हो या बलयुक्त वे लाभस्थान में हो तो पुत्र, मित्र, धनसम्पति की प्राप्ति, शूद्र राजा के आश्रय से व्यवसाय में साफल्य, क्षेत्र(खेत) की वृद्धि, पुत्रलाभ, कल्याण तथा राजानुग्रह से सर्व विध वैभव होता है। शनि यदि 6,8,12 में,…