यह विषम द्विस्वभाव राशि हे वायु तत्व क्रूर स्वभाव पशिम दिशा को सूचित करती हे आक्रती युगल पुरुष स्त्री तथा रंग हरा हे प्रभाव उष्ण तर जाती शुद्र ,दिन वली द्विपद तथा वन मे विचरण करने वाली हे इसका स्वामी बुध राहू उच्च फल ओर केतू इसमे नीच फल का होता हे
इनका कद लंबा परंतु कईबार छोटा कद भी देखा गया हे शरीर संतुलित होता हे सदारणत बाहे शरीर के अनुपातनुशार लंम्बी होती हे ओर न ही काला चेहरा गोल तथा नाक आगे से कई बार तोते जैसा होता हे आखे चोटी परंतु दिख व दर्ष्टि तीक्षण होती हे जल्दी जल्दी चलना इनका स्वभाव होता हे बाल जादा काले होते हे तथा कान छोटे परंतु आकर्षण होते हे
बुद्धिमान ज्ञानी बलवान दूसरों के साथ मिलकर काम करने वाले होते हे विद्याप्रेमी अधय्यनशील गाने एव संगीत प्रिय शायरिया करने कविता लिखने आदि के प्रेमी होते हे इसमे विसलेशन करने की पूर्ण होते हे बड़े ही प्रतिभाशाली व्यापारी बहुत अछे वियंग करने व लिखने वाले तथा चंचल होते हे ये कूछ न कूछ करते रहते हे अथवा अपना कोई अंग हिलाते रहते हे ओर इस प्रकार सवाभिक पहचाने जाते हे इनके विचार निर्मार्ण मुखी साइंस व कला के शोकीन तथा हर काम को पहले अपनी बुद्दि की कसोटी पर कशते हे समाज की ओर से स्म्मानित भी होती हे
खान पान मे शाधारण रुचि लेते हे अधिकतर शांति चुप एव अंतर्मुखी होती ये मस्तिक्स्क पर ज़ोर डालते हे तथा दिमागी चिंता के कारण बेचेन रहते हे ये हर चीज को शंका की द्र्ष्ति से देखते हे ओर दूसरों पर भरोसा कम ही रहते हे एक काम को शतत जारी रखते हे कई बार इनके वश की बात नही रहती हे यू ही सोच सोच कर दुखी रहते हे क्रोध कम ही होता हे तथा शिग्र नही आता यदि हो ही आए तो शांत हो जाते ओर बाद मे ये जातक पश्चाताप भी करते हे कूछ न कूछ करते रहना प्र्सन रहना तथा साथियो को प्र्सन रखना इन्हे का सवभाव हे पत्नी के अतरिक्त किशी अन्य महिला के शात स्थायी संबंद हो सकते हे साजेदारी तथा मित्रो के साथ निभी रहती हे परंतु परिवतनशील सवभाव के कारन निराशाजनक परिणाम निकलते हे इसी कारण पड़ोसियो शहयोगयो तथा ससुराल के साथ भी संबंद अछे नही जाते हे यदि सातवे घर का सवामी गुरु द्विसवाभव राशि मे बेठ जाये तो दो विवाह योग्य बन जाते हे बुध वाध हे एव शुक्र वाध से उतपन धुन व संगीत यदि ये दोनों सातवे घर मे बेठे एव अन्य गृह हो की शुभ स्तथि हो तो पारिवारिक अवस्था सुखद होती हे तथा पत्नी पति की जोड़ बढ़िया चलती हे उनके माता पिता के साथ कम ही पटती हे
मिथुन राशि के जातक से साधारणतया बड़ी बहन होती हे ओर वह जातक के लाभ का कारण बनती हे
यत्रयाए बहुत करते हे नोकरी मे बदली का चक्र चलता रहता हे शत्रु से भय रहता हे ये जातक तेज से तेज वाहन मे यात्रा करना पसंद करते हे
कुशल अभिनेता वकील वक्ता हेडमास्टर प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट जज नेता व्यापारी समाज सेवक ब्रोकर प्रॉपर्टी डीलर नयी कंपनी बनाने वाले सट्टा बाजार तथा शेयर मार्केट सेक्रेटरी संपादक अछेजासूस रिसर्च स्कॉलर अक्कौंटेस कलर्क टाइपिस्ट सटेनोग्राफी अछे तथा अर्ध सरकारी संस्थाए मे भी सफल होते हे मिथुन राशि का स्वामी का बुध हे यदि बुध का योग सूर्य के साथ हो तो कलर्क आदिकारी आदि सरकारी विभाग मे होते ये तथा लाइन बदलते रहते हे और इस प्रकार फिर सफल नि होते हे
आर्थिक पद परिवर्तनशील होते हे ये अच्छे साहसिक होते हे किसी के आधीन अथवा साथ काम करे तो सफल रहते हे आय के सत्रोद अकादिक होते हे
11वे 13वे 15वे 16वे 18वे19वे21वे 22वे23वे 24वे25वे27वे 30वे 32वे35वे 36वे37वे 42वे45वे 50वे 55वे 58वे वर्ष महत्वपूर्ण होते हे पड़ाई विवाह व्यापार संतान आदि की महत्वपूर्ण घटना घटती हे दिमांगी भ्रम खाशी जुकाम नशों संबंधी विकार लकवा पागलपन चर्मरोगी की संभावना रहती हे इस प्रकार यदि बुध नवे घर मे बेठे जाय तो दादा आदि को स्वाश विकार दमा आदि का पक्का संकेत मिलता हे