कैसा रहेगा बुध का तुला में राशि में गोचर :-
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6 अक्टूम्बर 2018 से बुध तुला राशि में प्रवेश कर चूके है यह गोचर आपके जीवन में किस तरह का परिवर्तन लाएगा और आपकी राशि पर इस का क्या प्रभाव रहेगा उसे वर्णित किया जा रहा है |
मेष राशि :- बुध के अपने मित्र शुक्र की तुला राशि पर भ्रमण से जातक अपने पुरुषार्थ द्वारा व्यवसाय में सफलता प्राप्त करता है तथा बुध के शत्रु स्थानाधिपति होने के कारण कुछ कठिनाइया भी आती रहती है | यही स्थिति स्त्री पक्ष के विषय में भी रहती है | जातक को कुछ शारीरिक कष्टो का सामना भी करना पड़ता है तथा रोगो का शिकार भी बनना पड़ता है | बुध की ऐसी स्थिति के प्रभाव से जातक को भाई -बहन के द्वारा सहयोग भी मिलता है तथा विवेक -बुद्धि बल प्रबल बना रहता है |
वृष राशि – तुला राशि पर स्थित बुध के प्रभाव से जातक को शत्रु पक्ष द्वारा अशांति का सामना करना पड़ेगा, परन्तु बुद्धियोग से उसे कुछ सफलता भी मिलेगी | इसी प्रकार कौटुम्बिक अव सन्तानपक्ष के सुख में भी कुछ कष्ट, मतभेद एवं परेशानी का योग बना रहता है | खर्च की अधिकता रहेगी तथा बाहरी स्थानो के सबंध से धन एव प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती रहेगी |
मिथुन राशि :- अपने मित्र शुक्र की तुला राशि पर गोचर करते हुए बुध के प्रभाव से जातक को संतान एव विद्या -बुद्धि का विषेष लाभ प्राप्त होता है | ऐसा जातक बड़ा समझदार, गंभीर, चतुर तथा आत्मविश्वासी होता है | सब लोग उसे बहुत योग्य व्यक्ति मानते है | जातक को अपनी शारीरिक एव बौद्धिक शक्ति द्वारा पर्याप्त लाभ होता है, साथ ही माता, भूमि तथा भवन का सुख भी प्राप्त होता है | ऐसा जातक शांतिप्रिय तथा गंभीर स्वभाव का होता है |
कर्क लग्न :- बुध के तुला राशि पर गोचर के प्रभाव से जातक को माता भूमि-भवन में कुछ कमी के साथ सफलता मिलती है |भाई -बहन और बाहरी स्थानो के सबंध का सुख प्राप्त होता है | कुछ त्रुटियों के साथ जातक को पिता के स्थान से शक्ति मिलती है तथा राज्य एव व्यवसाय के क्षेत्र में भी सामान्य सफलता प्राप्त होती है |
सिह राशि :- जातक को भाई -बहन का सुख मिलता है तथा पराक्रम में वृद्धि होती है | वह पुरुषार्थ द्वारा भी धन कमाता है तथा विवेक के द्वारा लाभ के मार्ग में उन्नति करता है जातक के भाग्य की उन्नति होती है और वह धर्म का पालन भी करता है | ऐसी व्यक्ति धनी, सुखी, हिम्मती, धर्मात्मा तथा यशस्वी होती है |
कन्या राशि :- बुध के प्रभाव से जातक अपने बुद्धिबल से धन का विशेष संग्रह करता है तथा कुटुंब का सुख भी पाता है | उसे पिता, राज्य एव व्यवसाय पक्ष से भी यश, सहयोग सफलता एवं लाभ की प्राप्ति होती है | जातक को आयु एव पुरातत्व की शक्ति प्राप्त होती है | उसका रहन-सहन रईसी ढंग का होता है और वह धनी तथा सुखी भी होता है |
तुला राशि :- बुध के प्रभाव से जातक का शरीर दुर्बल होता है | वह बाहरी स्थानो के सबंध से लाभ उठाता है तथा खूब खर्च करता है | भाग्य के क्षेत्र में कमी का अनुभव करते हुए भी वह भाग्यवान गिना जाता है तथा धर्म का पालन भी करता है | स्त्री एव व्यवसाय के पक्ष में सफलता प्राप्त होती है |
वृश्चिक राशि :- जातक का खर्च अधिक रहता है, परन्तु बाहरी स्थानो के सबंध से लाभ मिलता है | उसे आयु एव पुरातत्व की शक्ति का भी कुछ कठिनाइयों के साथ लाभ प्राप्त होता है | फलस्वरूप जातक शत्रु पक्ष में अपनी विवेक बुद्धि के द्वारा विनम्र रहकर काम निकालता है | उसका जीवन भ्रमणशील होता है तथाचित में कुछ अशांति भी बानी रहती है |
धनु राशि :- बुध के प्रभाव से जातक को व्यवसाय द्वारा प्रचुर लाभ प्राप्त होता है | उसे पिता के द्वारा सहयोग, स्त्री पक्ष द्वारा सुख, राज्य द्वारा सम्मान तथा आर्थिक क्षेत्र में भी सफलता मिलती है | तथा अपनी विवेक -बुद्धि द्वारा धन तथा यश की खूब वृद्धि करता है | जातक को विद्या-बुद्धि खूब प्राप्त होती है तथा सन्तानपश में भी सुख एव सफलता मिलती रहती है | ऐसा व्यक्ति, धनी, सुखी, यशस्वी तथा सम्मानित जीवन व्यतीत करता है और उसे प्रशंसा प्राप्त होती है |
मकर राशि :- बुध के प्रभाव से जातक को पिता द्वारा सुख, राज्य द्वारा सम्मान एव व्यवसाय द्वारा लाभ तथा मान – प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है | वह अपने भाग्य तथा परिश्रम की सम्मिलित शक्ति से खूब धन कमाता है तथा शत्रु पक्ष पैर विजय पता है | जातक को माता, भूमि एव मकान आदि का सुख प्राप्त होता है परन्तु बुध के षष्ठेश होने के कारण उसकी उन्नति के मार्ग में रुकावटे आती रहती है |
कुम्भ राशि :- बुध के प्रभाव से जातक के भाग्य की विशेष वृद्धि होती है तथा धर्म का पालन भी बना रहता है परन्तु कुछ कमिया भी आ जाती है | संतान, विद्या, आयु, तथा पुरातत्व शक्ति जातक को पर्याप्त लाभ होता है | जातक को भाई – बहनो एव पराक्रम का कुछ त्रुटिपूर्ण लाभ होता है | कुल मिलाकर ऐसा जातक धनि तथा सुखी होता है |
मीन राशि :- बुध के प्रभाव से जातक की आयु में वृद्धि होती है तथा पुरातत्व का लाभ होता है | उसका दैनिक जीवन भी सुखी तथा प्रभावपूर्ण होता रहता है परन्तु स्त्री के सुख में विशेष कमी रहती है और माता का सुख भी काम मिल पता है जातक कुटुंब की शक्ति प्राप्त करता है तथा धन की वृद्धि के लिए विशेष प्रयत्नशील बना रहता है |
उपाय :— 1.ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।मन्त्र का 28 या 108 बार जाप करें।
2. रामचंद्र जी की स्तुति करें।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए |