सूर्य ग्रह का जीवन पर प्रभाव
सूर्य
सूर्य जीवन शक्ति की धुरी है। यदि सूर्य है तो जीवन है। समस्त संसार को रौशनी प्रधान करना इसका ही काम है । यह सिंह राशि का स्वामी है। यह अग्नि तत्व तथा आत्मा कारक ग्रह है। यह चित्त प्रधान, पुरुष एवं पूर्व दिशा को सूचित करता है। इसकी जाती क्षत्रिय , धातु सोना तथा स्वभाव स्थिर है। यह ह्रदय और जीवन शक्ति का कारक ग्रह है। यह व्यक्ति में अहम भाव का धोतक है। में अहम की निशानी है, जो की इसके अशुभ होने का ही संकेत है। में के स्थान पर में हूं से अहम लुप्त हो जाता है, जो इसके शुभ होने का संकेत है। यह शरीर , व्यक्तित्व धोतक है तभी यह पहले घर / भाव से सम्बंधित है । यह 24 घण्टे में एक अंश से कुछ कम औसतन चलता है इसी कारण चार वर्ष पश्चात् लीप का वर्ष आता है। एक राशि में औसतन एक माह विचरण करता है। इसको प्राकृतिक पाप ग्रह माना गया है।
यह ग्रह सब ग्रहों से बलवान ग्रह है क्योंकि यह सब ग्रहों का चालक है तथा इससे ही सब ग्रहों को तेज मिलता है। इसके प्रभावधींन जातक उदार, सद्कर्मो कामना करने वाला, अधिकार वाला, गरीबो पर दया करने वाला , परोपकारी होता है। यदि निर्बल हो तो घमंडी , अहम भाव से भरपूर , अभिमानी, अपनी बड़ाई स्वम करने वाला, अधिकारों का दुरुपयोग करने वाला एवं निर्दयी होता है। सूर्य बलवान तो राजा समान पद , महत्वकांशा, अधिकार की भवना , स्वाभिमानी, हुकूमत करने वाला, अपनी शक्ति सामर्थ्य द्वारा ही उन्नति करने वाला, अपने ऊपर भरोसा रखने वाला, शूरवीर, चतुर, बलवान, बुद्धिमान, राजकीय ठाठ बाठ वाला, स्पष्ट वक्ता, गम्भीर तेजस्वी, परोपकारी, विरोधी को हराने वाला, बढ़िया आचरण वाला होता है।
सूर्य से क्या क्या विचारना:- आत्मा, शरीर, पिता,राजा, प्रशासन, स्वभाव, शक्ति, सम्मान, अधिकार, दाई आंख, वाहन, भारी उधोग, आत्मशक्ति , धन, निरोगता, पद, दैवी शक्ति, अग्नि देवता, सरकार, राज दरबार, मान सम्मान, विद्या एवं ह्रदय।
सूर्य 1,9,10,घरो/ भावो का करक ग्रह भी है। यदि जातक के व्यवसाय, उन्नति, रोजगार सम्बन्धित 10 वे घर के स्वामी आदि की स्थति देखनी है तो साथ ही सूर्य की स्थति भी विचार करना है क्यों की यह 10 वे भाव का स्वभाविक ग्रह है।
रोग:- गर्मी एवं जिगर से सम्बंधित रोग , आँखे विशेषतः दाई आंख, दांत , तंतु प्रणाली के रोग। दिल धड़कना, पागलपन, मुह से झाग जाना, अंगों की बेढंगी हरकत, जीवन शक्ति श्रीण होते जीना। इसका प्रभाव सर पर तथा मुह तक होता है।
अशुभ होने की निशानी:- साधारणतया बहुत नमक खाना जीवन शक्ति श्रीण होते चले जाना , नजर कमजोर विशेषतः दाई आंख की होती जाए लाल गाय अथवा भैस का मर जाना ता घर से चली जाना सूर्य के समाप्त अथवा अशुभ का संकेत है।
मकान की हालत:- यदि सूर्य बलवान है तो माकन की हालत बढ़िया होगी एवं प्रेतक मकान किसी विशेष हिस्से / मुहल्ले/ गली / सेक्टर में होगा। जिस भाव में सूर्य स्थित होगा इस दिशा के कमरे में प्रकाश , धुप अवश्य आती होगी। उस ओर ही सरकार, राज दरबार आदि से सम्बंधित चीजे होगी अथवा उस तरफ सरकारी दफ्तर आदि सबूत होगा।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए |