मकर संक्रांति :-
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15 जनवरी 2019
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मकर संक्रांति का पर्व है जो कि जनवरी माह के दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है, इसका हिन्दू संस्कृति में बड़ा महत्व है | मकर संक्रांति का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योकि हिन्दू संस्कृति में दूसरे त्यौहार चंद्रमा की स्थिति के अनुसार मनाये जाते है जबकि यह त्यौहार ग्रहमंडल में सूर्य की स्थितिनुसार मनाया जाता है |
इसी दिन से सूर्य का उत्तरायण की और भ्रमण प्रारम्भ होता है | कर्क संक्रांति (सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश) से मकर संक्रांति तक के काल को दक्षिणायन कहा जाता है | प्राचीन हिन्दू मान्यताओ के अनुसार, जिस मनुष्य की मृत्यु दक्षिणायन काल में होती है, उसके यमलोक में जाने के अवसर बहुत होते है, बनिस्पद उन मनुष्यो के जिनकी मृत्यु उत्तरायण में होती है |
पौराणिक मान्यताओ में मकर संक्रांति :-
पुराणो के अनुसार, इसी दिन भगवान सूर्य नारायण भ्रमण करते हुए शनि के गृह में पहुचते है जो की मकर राशि का स्वामी है | विरोधाभास सम्बन्ध होते हुए भी भगवान सूर्य नारायण इस दिन शनि देव से भेट करते है |
ऐसी भी मान्यता है कि इसी दिन महाराज भागीरथ ने अखंड तपस्या कर भगवती गंगा को पृथ्वी लोक पर लाये थे, जिसके कारण ही उनके ६० हज़ार पूर्वज जो अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए थे कि श्राप मुक्ति सम्भव हुई थी |
मकर संक्रांति के दिन नदियो में स्नान करने से मन में सुचिता और निर्मलता बढ़ती है वही दूसरी और इस दिन दान देने का भी बड़ा महत्व होता है | इस दिन नए बरतन, कपडे, भोजन, अन्न, तिल, गुड, और गाय का दान अपनी सामर्थ्य अनुसार किया जाता है |