चन्द्रमा में मंगल की अंतर्दशा:-
लग्न से केंद्र या त्रिकोण में स्वोच्च या स्वक्षेत्र में स्थित मंगल हो तो चन्द्रमा की दशा में मंगल की अंतर्दशा आने पर सौभाग्यवृद्धि , राजसम्मान, वस्त्र, आभूषण, की प्राप्ति, खेत आदि की वृद्धि , व्यापार में विजय ये सभी फल होते है।
अष्टम या द्वादश में पापयुक्त भौम हो या दशापति से अशुभस्थान आने पर देहपीड़ा, घर खेत आदि तथा व्यापार में हानि भृत्यवर्ग में कलह, राजविरोध, आत्मबन्धु से वियोग, नित्य कटुभाषण, वही मंगल 2,7 के अधिप हो या अष्टमेश अष्टम में हो तो भी अशुभ फल होते है।
उपाय:- ब्राह्नणपूजन करना चाइए।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा हम से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए