शुक्र के प्रभाव

शुक्र के प्रभाव शुक्र यह व्रष एवं तुला राशि का स्वामी है।साधारण अवस्था की कुंडली में यह दूसरे व् सातवे भाव का मालिक है यह साधारणतया राशि चक्र 13 माह में पूरा करता है। 18 महीनों में यह लगभग 40 दिन वक्रीय ही रहता है। इस समय में भावात्मक गड़बड़, उतेजना में उतार चढ़ाव, लड़ाई…

गुरु का प्रभाव

गुरु का प्रभाव गुरु यह शुभ ग्रह है। धनु एवं मीन राशि का स्वामी है। साधारण स्वभाविक कुण्डली में यह 9 वे तथा 12 भावो का स्वामी है। यह एक राशि में प्रायः एक वर्ष रहता है ओर सारा राशि चक्र घूमने के लिए लगभग 12 वर्ष लगते है। बारह महीनों में यह लगभग 4…

बुध का प्रभाव

बुध का प्रभाव बुध यह मिथुन एवं कन्या राशि का स्वामी है। साधारण अथवा स्वभाविक कुण्डली में यह तीसरे भाव का स्वामी है जो की कथन, विचारो को प्रगट करने का भाव है। इस प्रकार यह छठे भाव का भी मालिक है जो की स्वास्थ्य तथा सर्विस का भाव है। यह हाथ, बाहों, कन्धे, फेफड़े…

मंगल

मंगल ग्रह का प्रभाव मंगल यह मेष एवं व्रशचक राशि का स्वामी है। साधारण स्वभाविक कुंडली में यह पहले तथा आठवे भाव का स्वामी है। राशि चक्र पूरा करने के लिए यह लगभग 17 माह लगाता है। हर दो वर्ष पश्चात यह लगभग 2 माह वक्रीय रहता है। सूर्य के चारो ओर यह दो वर्ष…

चन्द्र ग्रह का जीवन पर प्रभाव

चन्द्र यह कर्क राशि का स्वामी है। आम साधारण अथवा स्वभाविक कुण्डली में यह चौथे भाव का मालिक है। छाती, पेट एवं अल्सर इसके घेरे में आते है। इसका रंग दूधिया सफ़ेद है। यह सारे राशि चक्कर को 27.324 दिनों तक में पूरा कर लेता है। औसतन एक राशि में 2.273 दिन रहता है। इसकी…

सूर्य ग्रह का जीवन पर प्रभाव

सूर्य ग्रह का जीवन पर प्रभाव सूर्य सूर्य जीवन शक्ति की धुरी है। यदि सूर्य है तो जीवन है। समस्त संसार को रौशनी प्रधान करना इसका ही काम है । यह सिंह राशि का स्वामी है। यह अग्नि तत्व तथा आत्मा कारक ग्रह है। यह चित्त प्रधान, पुरुष एवं पूर्व दिशा को सूचित करता है।…

संतान कष्ट निवारण उपाय

1 बालगोपाल यंत्र बृहस्पति यंत्र का नित्य पूजन करे। 2 कमलगट्टे या मूंगा माला से ॐ श्री ऐ संतानलक्ष्मी पूर्ण सिद्धि ऐ श्री नमः की 21 माला जाप करे। 3 मोती – चाँद लॉकेट अथवा स्वास्थ्यवर्धक त्रिशक्ति लॉकेट संतान को धारण कराये। 4 गौरी गणेश रुद्राक्ष धारण करे। 5 अहोई अष्टमी व्रत , शुक्रवार का…

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर :- =================== आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन अमृतं मर्त्य च | हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन् || ओ ग्रहानामादिरादिट्यो लोकरक्षणकारक: । विषमस्थांसम्भूता पीडा हरतु में रवि:। 14 फरवरी 2018 से सूर्य मकर राशि से निकलकर कुम्भ राशि में प्रवेश कर चूके है जो की 14 मार्च तक…

सर्वबाधा मुक्ति उपाय

1 सर्वबाधा मुक्ति यंत्र एवं नवग्रह यंत्र का दर्शन पूजन करे। 2 सर्व बाधा विनिमृक्तो, धन धान्य सुतान्वित: मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः मंत्र का 108 बार जाप करे 3 नवग्रह रत्न अंगूठी धारण करे, अथवा बाधामुक्ति त्रिशक्ति लॉकेट धारण करे। 4 बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करे। 5 विजयदशमी व्रत एवं गणेश चतुर्थी व्रत का…

महा-शिवरात्

महा-शिवरात्रि ======== शिवरात्रि व्रतं नाम सर्वपापं प्रणाशनम्। आचाण्डाल मनुष्याणं भुक्ति मुक्ति प्रदायकं॥ अर्थार्त महा-शिवरात्रि का परम पर्व की व्याख्या उक्त श्लोक में कुछ इस प्रकार की गयी है कि यह सभी पापो का शमन करने वाला तथा चंडाल मनुष्य को भी भुक्ति और मुक्ति दोनों प्रदान करता है | चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं।…

धनु

धनु यह विषम, पुरुष एवं द्विस्वभाव राशि है। अग्नि तत्व तथा स्वभाव क्रूर है। जाति क्षत्रिय, पित्त प्रधान तथा पूर्व दिशा को सूचित करती है। इसका विचरण स्थान पर्वत है।प्रभाव उष्ण तर एवं रंग पीला है। इसका स्वामी गुरु है। ज्योतिष शास्त्र के माहिरों के अनुसार इसमें केतु उच्च फलदायक एवं राहु नीच फलदाता है।…

शुक्र का कुम्भ राशि में प्रवेश

शुक्र का कुम्भ राशि में प्रवेश =============== 6 फ़रवरी 2017से शुक्र अपने मित्र शनि की कुम्भ राशि में प्रवेश कर गये है की आपकी राशि पर ये क्या शुभ अशुभ फल लाएंगे ।ये देखते है। मेष राशि :- शुक्र के प्रभाव से बड़ी चतुराई के साथ धन का सुख और लाभ प्राप्त होता है |…

“वृश्चिक राशि”

“वृश्चिक राशि” तो,ना,नी,नू,ने,नो,या,यी,यू ये इनसे सुरु होने वाले नाम वाले लोग वृश्चिक राशि में आते है यह सम स्त्री तथा स्थिर राशि है। जल तत्व, स्वभाव सोम्य एवं उत्तर दिशा सूचित करती हैं। ब्राह्मण जाति तथा रंग इसका सुर्ख़ लाल है। रात बलि, विचरण स्थान जल एवं कीटक है। प्रभाव सर्द तर तथा सांकेतिक चिन्ह…

तुला राशि”

तुला राशि यह विषम, पुरुष एवं चर राशि है। वायु तत्व तथा स्वभाव क्रूर है। जाति शूद्र एवं रंग दही जैसा सफ़ेद है।यह दिन के समय बलि है, विचरण स्थान वन है। इसकी आकृति तराजु, प्रभाव उष्ण तर व् वादी है। इसका स्वामी शुक्र, शनि इसमें उच्च फल का तथा सूर्य नीच फल का है।…

कन्या राशि

कन्या राशि यह सम, स्त्री एवं द्वीस्व भाव राशि है! पृथ्वी तत्व, सोम्य स्वभाव तथा दक्षिण दिशा की मालिक है प्रकृति वात तथा प्रभाव सर्द शुष्क है! जति वैश्य, रंग पांडुरंग, हरा चितकबरा, रात्रि बलि द्वीपद एवं सरल भूमि में विचरने वाली है इसका स्वामी बुध है तथा यह अस्थिर स्वभाव की मालिक है शरीर…